The Basic Principles Of स्क्रू या स्नै�?इन सुरक्षात्म�?वेंट
The Basic Principles Of स्क्रू या स्नै�?इन सुरक्षात्म�?वेंट
Blog Article
हमारी टी�?के सा�?डेमो कॉ�?पर जाने�?कि चैंटी से आपके बिजनेस को कैसे फायद�?मि�?सकता है�?अपने सहकर्मियों को लाएँ�?को�?टेक्निकल जानकारी जरूरी नही�?है।
यही�?पर इंटरपर्सनल कम्युनिकेश�?स्कि�?आत�?हैं। अपने कर्मचारियो�?के बी�?इस स्कि�?को विकसित करने से, वे गल�?कम्युनिकेश�?से निपटने के लि�?बेहत�?ढं�?से सामन�?आत�?हैं।
डॉ. आशुतोष श्रीवास्तव बतात�?है�?कि कम्युनिकेश�?एक दोतरफा रास्ता है�?इसमे�?सुनन�?बोलन�?जितन�?ही महत्वपूर्ण है�?सक्रिय रू�?से सुनन�?मे�?दूसर�?व्यक्त�?की बा�?पर पूरा ध्या�?केंद्रित करना बहुत जरूरी है, बिना बी�?मे�?टोके या अपनी प्रतिक्रिय�?की योजन�?बनाए�?यह अभ्यास �?केवल सम्मान दिखाता है बल्क�?आपको बोलन�?वाले के दृष्टिको�?को अधिक सटी�?रू�?से समझन�?मे�?भी मद�?करता है।
ये भी पढ़े�? ग्रेटर नोएड�?के इंडिया एक्सपो मार्�?मे�?बैटरी शो इंडिया और रिन्यूएब�?एनर्जी इंडिया एक्सपो का शुभारंभ
इन दिनो�? साथियो�?और सहकर्मियों के सा�?कम्युनिकेश�?एक बहुत बड़ी जरूर�?बन गई है, और कई सॉफ्टवेय�?कंपनियां बिजनेस मे�?सही ढं�?से बातची�?को सामन�?लाने मे�?मद�?करने के लि�?मौजू�?हैं। भल�?ही आज कई अल�?अल�?ऑप्श�?उपलब्ध है�? लेकि�?अग�?आप यह जानत�?है�?..
हम चुनौतीपूर्�?वेंटिं�?स्थितियो�?के लि�?मानक और कस्ट�?समाधान प्रदान करते हैं। चूंक�?संलग्न�?संरक्ष�?vents अपनी आवश्यकताओं को सबसे अच्छ�?फि�?करने के लि�?विभिन्�?रूपो�?मे�?आत�?हैं।
ईसीएम�?का उपयो�?किसी भी आय�?वर्ग मे�?किया जा सकता है, शिशुओं से लेकर वयस्को�?तक जो हृदय, फेफड़े की गंभी�?स्थिति मे�?है�? या जो हृदय प्रत्यारोप�?से ठी�?हो रह�?हैं।
इसलि�?अपने मतभेदो�?को बी�?मे�?रहने देने के बजाय, वे एक-दूसर�?को सुनन�?और सीखन�?के लि�?ज्यादा इच्छुक हो जाते हैं। यह स्कि�?आपके कर्मचारियो�?को टी�?के दूसर�?मेम्बर के बी�?विवादो�?को एलईडी वेंट्स कम करना भी सिखा सकता है।
इस�?चा�?वेरिएंट्�? क्लासि�? सिग्नेचर, सिग्नेचर प्लस, और प्रेस्टी�?मे�?पे�?किया गय�?है।
चैंटी के सा�?अपनी टी�?कम्यूनिकेश�?को सुधारें
अग�?देखा जाये तो इसमे�?सिर्�?छोटे-मोटे डिज़ाइ�?बदला�?कि�?गए हैं
डिजायर जेडएक्सआ�?मे�?वीएक्सआई वेरिएं�?के मुकाबल�?कु�?अतिरिक्त फीचर दि�?गए है�?जो इस प्रकार है:
ईसीएम�?का उपयो�?रोगी की आवश्यकता के आधार पर दो अल�?अल�?तरीको�?से किया जाता है:
कार्�?�?पत्तियों को हर�?रं�?प्रदान करना